नमस्कार दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि संसद में विधायक कैसे चुने जाते हैं (Sansad mein vidhayak kaise chune jate hain) हालांकि इस विषय को लेकर कभी-कभी भ्रम हो जाता है क्योंकि विधायक का संबंध राज्य की विधानसभा से होता है, जबकि संसद में चुने जाने वाले सदस्य सांसद (Member of Parliament – MP) कहलाते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि संसद के लिए किस प्रकार चुनाव होते हैं।
विधायक और सांसद में अंतर
सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि विधायक और सांसद दोनों अलग-अलग पद होते हैं। विधायक राज्य की विधानसभा के सदस्य होते हैं, जबकि सांसद भारत की संसद के सदस्य होते हैं। भारत में संसद के दो सदन होते हैं:
- लोकसभा (House of the People)
- राज्यसभा (Council of States)
लोकसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि राज्यसभा के सदस्य विधानसभा के विधायकों द्वारा चुने जाते हैं। यहां हम लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव की प्रक्रिया को विस्तार से जानेंगे।
लोकसभा के सांसद का चुनाव कैसे होता है?
लोकसभा में सांसदों का चुनाव सीधे जनता के वोटों के आधार पर होता है। भारत को 543 संसदीय क्षेत्रों (लोकसभा सीटों) में विभाजित किया गया है, और हर संसदीय क्षेत्र से एक सांसद चुना जाता है। यह चुनाव हर 5 साल में होते हैं और इसमें राजनीतिक दलों के उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों से चुनाव लड़ते हैं।
लोकसभा चुनाव में जीतने के लिए उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिलने चाहिए। इस प्रक्रिया को “फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट” प्रणाली कहते हैं, जिसमें सबसे अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होता है। चुनाव आयोग की देखरेख में यह प्रक्रिया पूरी होती है और इसके तहत हर योग्य नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करता है।
राज्यसभा के सांसद का चुनाव कैसे होता है?
राज्यसभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा नहीं चुने जाते, बल्कि राज्य की विधानसभाओं के विधायक इनका चुनाव करते हैं। राज्यसभा में प्रत्येक राज्य से सदस्यों की संख्या राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में 31 सदस्य होते हैं, जबकि सिक्किम जैसे छोटे राज्य से केवल 1 सदस्य होता है।
राज्यसभा चुनाव में विधायकों द्वारा वोटिंग की जाती है, और यह प्रक्रिया “प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व प्रणाली” (Proportional Representation) के आधार पर होती है। इसमें हर विधायक के वोट का एक निश्चित मूल्य होता है और उम्मीदवारों को चुनाव जीतने के लिए अधिकतम वरीयता प्राप्त करनी होती है।
संसद में विधायक कैसे चुने जाते हैं?
अब हम मुख्य सवाल पर आते हैं – संसद में विधायक कैसे चुने जाते हैं? असल में, विधायक संसद का हिस्सा नहीं होते। जैसा कि हमने ऊपर बताया, विधायक राज्य की विधानसभा में चुने जाते हैं, जबकि संसद में सांसद चुने जाते हैं। लेकिन संसद में राज्यसभा के चुनाव में विधायक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि राज्यसभा के सदस्य विधानसभाओं द्वारा चुने जाते हैं।
यह चुनाव एक विशेष प्रकार की “प्रत्यक्ष मतदान” प्रणाली द्वारा होता है, जिसमें विधायक अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देते हैं। राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है और हर दो साल में राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्यों का चुनाव होता है।
विधायक की भूमिका राज्यसभा में
राज्यसभा में चुनने के लिए विधायकों की जिम्मेदारी बड़ी महत्वपूर्ण होती है। उन्हें यह देखना होता है कि जिस उम्मीदवार को वे वोट दे रहे हैं, वह अपने राज्य के हितों का प्रतिनिधित्व सही तरीके से कर सके। इसलिए, विधायक राज्यसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष – संसद में चुनाव की प्रक्रिया
दोस्तों, इस आर्टिकल में हमने समझा कि संसद में विधायक कैसे चुने जाते हैं और यह भी कि संसद में सांसदों का चयन किस तरह से होता है। लोकसभा के सांसद जनता द्वारा चुने जाते हैं, जबकि राज्यसभा के सदस्य विधायकों द्वारा चुने जाते हैं। इसलिए, संसद में विधायकों की भूमिका राज्यसभा चुनाव के समय सबसे अहम होती है।
आशा है कि इस आर्टिकल से आपको यह विषय पूरी तरह से समझ में आया होगा। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें। धन्यवाद!